युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
Pradosh Vrat 2023: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। प्रत्येक महीने में दो दिन यह व्रत रखा जाता है। इस महीने यह उपवास 10 दिसंबर दिन रविवार को रखा जाएगा।हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष चंद्रमा की कलाओं से परिपूर्ण है। हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत के प्रभाव से चंद्र ग्रह के दोष समाप्त होते हैं। साथ ही संतान सुख प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें।
अगर आप प्रदोष व्रत करना चाहते हैं, तो भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
भगवान शिव का गंगाजल से जलाभिषेक करें।
दीपक जलाएं और विधि पूर्वक पूजा करें।
शिव मंत्रों का जाप करें।
अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
अगले दिन व्रत का पारण शिव प्रसाद से ही करें।
प्रदोष व्रत पूजा-सामग्री
लाल या पीला गुलाल
अक्षत
कलावा
चिराग
फल, फूल, सफेद मिठाई
सफेद चंदन
नशा
बेल पत्र
धागा
कपूर
धूपबत्ती