मिमिर्की

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


लंबे समय से  मिमिर्की का सरताज रहा हूं 

हजारों लाखों पुरस्कार पाया हूं 

मिमिर्की की कला के साथ नब्बे पार हुआ हूं 

शुक्र करता हूं अभी वाला माहौल नहीं देखा हूं 


हर व्यक्ति की मिमिर्की करने की 

दिल में आज भी जिज्ञासा रखता हूं 

कभी किसी के कॉमेंट्स की फिक्र नहीं करता हूं 

परंतु अभी का माहौल देखकर बेहद डरता हूं 


अब सचेत होते हुए अति डर गया हूं  

मिमिर्की एक फंदा न बन जाए सोचता हूं 

अभी अपनी कला व फन को दबाता हूं 

समय देखकर मौका पलटे ना यह सोचता हूं 


मिमिर्की साथियों को यह संदेश देना चाहता हूं 

मिमिर्की पर फूंकफूंक कर क़दम रखो अब मैं डरता हूं 

चेलों को सख़्ती से अपने संदेश में बतलाता हूं 

मिमिर्की ढीली कर लौट के बुद्धू घर को आया हूं 


-लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार पत्रकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र