युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
आते हैं जब चुनाव सत्ता पर नज़र रहती है पड़ी
घोषणापत्रों की लग जाती है खत्म न होने वाली झड़ी
देश जाए भाड़ में सत्ता मिलनी चाहिए
अपनी अपनी की चिंता है सबको देश की किसको है पड़ी
एक दल उन्नीस तो दूसरा इक्कीस बताता है
जनता को रिझाने के नए नए वायदे है कर जाता
एक देता है साइकिल दूसरा स्कूटी है दे आता
मिडल क्लास भरेगा सब अपने बाप का क्या है जाता
देशप्रेम किसी को नहीं सब देश को डुबाने में हैं लगे
लोगों की जेब पर अपनी किस्मत आजमाने में हैं लगे
ईमानदारी का ढोंग हैं अक्सर रचा करते सबके सामने
हम बहुत फिक्र करते हैं झूठे आंसू बहाने में हैं लगे
यही हाल रहा तो एक दिन यह देश को बेच खाएंगे
ज़मीर बेच डाला है माँ भारती का भी सौदा कर आएंगे
क्यों देश की चिंता नहीं जो मुफ़्त में सब कुछ बांट रहे
बाल जब कट कर गिरेंगे तो सामने ही आएंगे
फ्री में जो बांट रहे वह कर रहे हैं देश को खोखला
जनता की सेवा का नाम यह सब है एक ढकोसला
क्यों नहीं ऐसा कुछ करो जिससे सबको मिले रोज़गार
गरीबों के साथ सहानुभूति दिखाना है मात्र एक चोंचला
रवींद्र कुमार शर्मा
घुमारवीं
जिला बिलासपुर हि प्र