सवाल वालों भागो (व्यंग्य)

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

जाग कर वक्त क्यों जाया करते हो,

निदान से ही दूर भागो,

असमय तंग करते सपनों से

हड़बड़ाकर जागो,

सवाल न करो नामुरादों

सवाल से दूर भागो,

लगता है शिक्षा से बिगड़ रहे हो,

नित बेसिरपैर की सवाल गढ़ रहे हो,

धर्म का झुनझुना क्या नहीं सुहा रहा है?

व्यवस्था पर प्रश्न क्यों आ रहा है?

प्रश्नों से सत्ता का सेहत बिगड़ता है,

लौट रही सांस पुनः उखड़ता है,

व्यवस्था की खुशी से खुश रहना सीखो,

देश के लिए मुस्कुराते हुए दिखो,

तुम्हारे प्रश्न परेशान कर सकते हैं,

हुक्मरानों को हलाकान कर सकते हैं,

तुम्हारे शिक्षा की दिशा मोड़ना जरूरी है,

धर्म से तुम्हें जोड़ना जरूरी है,

शिक्षा जबरदस्त आग लाता है,

सवालों का सैलाब लाता है,

कुछ न सूझे तो विज्ञान जवाब लाता है,

हम नहीं चाहते कि

विज्ञान हमारी धारा को मोड़े,

हमारी प्राचीनतम परंपराओं को तोड़े,

अतः नवज्ञान की आस को त्यागो,

तो सवाल वालों सवालों से दूर भागो।

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ छग