युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। इसलिए लगभग हर हिंदू घर में विशेष रूप से तुलसी का पौधा विशेष रूप से पाया जाता है। साथ ही इसकी सुबह शाम पूजा भी की जाती है। लेकिन खरमास की बात करें इस इसमें तुलसी की पूजा संबंधी नियम बदल जाते हैं। आइए जानते हैं खरमास में तुलसी की पूजा के नियम।
कब से शुरू हो रहा है खरमास
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक गोचर करते हैं। खरमास की शुरुआत तब मानी जाती है जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि अर्थात धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इस दौरान सूर्य का तेज पृथ्वी तक बहुत कम पहुचता है, जिस कारण इस समय को शुभ नहीं माना जाता।
क्या कर सकते हैं तुलसी पूजा
खरमास में तुलसी की पूजा की जा सकती है। क्योंकि शास्त्रों में माना गया है कि खरमास में तुलसी पूजन करने पर भगवान विष्णु की कृपा साधक पर बनी रहती है। इसके साथ ही सुबह शाम तुलसी पर घी का दीपक भी जरूर जलाना चाहिए।
इन नियमों का रखें ध्यान
खरमास में तुलसी पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी के पत्तों को स्पर्श न करें। माना जाता है कि ऐसा करने से तुलसी का पौधा दूषित हो जाता है। इसके साथ ही खरमास में तुलसी के पत्तों को तोड़ना भी नहीं चाहिए। इसके साथ ही एकादशी, रविवार और मंगलवार के दिन तुलसी में जल देने से बचना चाहिए और इसके पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए।