ज्ञान, भक्ति व कर्मयोग का मार्ग है श्रीमद भागवत गीता: शीतल टण्डन

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

गीता जयंती कार्यक्रमों के अंतर्गत गोष्ठी का आयोजन 

डीएम व एसएसपी को श्रीमदभगवत गीता व्यापारियों द्वारा भेंट की गयी

सहारनपुर। उ.प्र. उद्योग व्यापार मंडल जनपद सहारनपुर के तत्वावधान में इस वर्ष 23 दिसम्बर को मनायी जाने वाली गीता जयंती के कार्यक्रमों की श्रृंखला में स्थानीय रेलवे रोड पर एक विशेष गोष्ठी का आयोजन गत दिवस देर सांय किया गया। इससे पूर्व व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों द्वारा गीता जयंती के प्रचार एवं प्रसार की श्रृंखला में जिलाधिकारी डॉ.दिनेश चंद्रा को उनके कार्यालय में जाकर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ.विपिन ताडा को प्रभु जी की रसोई के प्रांगण में श्रीमद् भागवत गीता भेंट की गयी। दोनों अधिकारियों द्वारा व्यापारी प्रतिनिधियों के आभार के साथ गीता के प्रचार में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि श्रीमद भागवत गीता आज से 5160 वर्ष पूर्व लिखी गयी थी और जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए गीता पढ़ना अत्यंत आवश्यक है। 

श्रीमद भागवत गीता 18 अध्याय और 700 श्लोकों का विश्व वंदनीय ग्रंथ है, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन के निमित मानव मात्र को दिया गया यह गीता उपदेश हमारी श्रद्धा, आस्था और भावना का गौरव ग्रंथ तो है ही साथ ही जाति, वर्ग, वर्ण, ऊँच-नीच, निर्धन-धनवान आदि की संकीर्णताओं से अतीत सबके लिए समान रूप से उपयोगी भी है। गीता के अध्ययन से इन सब चीजों की प्राप्ति होती है। श्री टण्डन ने कहा कि गीता के सर्वमान्य और प्रमाण स्वरूप अलौकिक ग्रंथ है। 

एक छोटे से आकार में इतना विशाल, योग, भक्ति और ज्ञान से पूर्ण ग्रंथ संसार की प्रसिद्ध भाषाओं में कोई दूसरा नहीं है और इसमें सभी धर्मों का सार भरा हुआ है। श्री टण्डन ने कहा कि प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार द्वापर युग में इसी दिन कुरूक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। श्री टण्डन ने कहा कि गीता के ज्ञान में मोक्ष का मर्म है। 

धर्मशास्त्रों में गीता को सभी वेदों व उपनिषदों का सार कहा गया है। गीता जयंती पर व्रत,दान व पूजन करने से पुण्य और पूजन करने से मनुष्य ही नहीं उसके पूर्वजों को भी मोक्ष प्राप्त होता है। श्री टण्डन ने सभी व्यापारियों से अपील की कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी के आहवान पर 23 दिसम्बर को गीता जयंती के दिन प्रातः 11 बजे 1 मिनट में गीता के प्रथम, मध्य व अंतिम श्लोक पढ़कर धर्मलाभ उठायें। 

व्यापार मण्डल के जिला महामंत्री रमेश अरोडा ने कहा कि गीता विश्व के सभी धर्मों के सर्वश्रेष्ठ धर्मग्रंथों में से एक है और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे देश में आने वाले विभिन्न देशों के राजनेताओं और विदेशों में जाकर जिन नेताओं से मिल रहे हैं, उनको समय-समय पर श्रीमदभागवत गीता ही भेंट कर रहे हैं। साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा भी गीता जयंती पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय हैं। 

गोष्ठी में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोडा जिला कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मुख्य संरक्षक मेजर एस.के.सूरी,प्रांतीय संगठन मंत्री पवन कुमार गोयल, प्रांतीय मंत्री रमेश डावर, जिला संयोजक कर्नल संजय मिडढा, जिला प्रभारी संदीप सिंघल,बलदेव राज खुंगर, अशोक मलिक, मुरली खन्ना, संजय माहेश्वरी, अनिल गर्ग, संजीव सचदेवा, अभिषेक भाटिया, अशोक पपनेजा आदि व्यापारी प्रतिनिधि शामिल रहे।