युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
लोग अक्सर ताली बजाकर खुशी का इजहार करते हैं। वैसे कई बार पूजा के दौरान और आरती के दौरान भी ताली बजाई जाती है। तालियां बजाकर कर भगवान को प्रसन्न करते है। क्या आप जानते हैं कि शिव मंदिर में तीन बार ताली क्यों बजाई जाती है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
तीन बार क्यों बजाते हैं शिव मंदिर में 3 बार थाली
भक्त पूजा के बाद 3 बार ताली बजाते हैं। पहली ताली भगवान के घर हजारी लगाने के तौर पर की जाती है। इससे भगवान को भक्त बताते हैं कि वो उनके द्वार आए हैं। दूसरी ताली का मतलब होता है कि हम भगवान से कुछ मांगे या न मांगे। हमारे घर का भंडार हमेशा भरा रहे और तीसरी ताली से शिवजी से भक्त अपने चरणों में जगह देने की प्रार्थना करते हैं।
रावण ने बजाई थी ताली
मान्यता है कि लंकाधिपति रावण ने भोलेनाथ की पूजा करते हुए 3 बार ताली बजाई थी, जिसके चलते ही उन्हें इतना बड़ा राजपाट मिला था। इनके अलावा भगवान राम ने जब लंका जाने के लिए समुद्ध पर सेतु निर्माण किया था तो 3 बार थाली बजाई थी, जिसके चलते ही उनका मकसद सफल हुआ और वो सीता मां को सुरक्षित वापस अयोध्या ला पाए।
तीन ताली से होती है भोलेनाथ की कृपा प्राप्त
आप भी भोलेनाथ के भक्त थे, तो पूरी विधि- विधान से पूजा करते हुए 3 बार ताली जरूर बजाएं। ऐसा करने से भोलेनाथ की असींम कृपा मिलेगी।
इस समय पर न बजाएं ताली
कहते हैं कि भगवान शिव के मंदिर में किसी भी समय ताली नहीं बजानी चाहिए। मान्यता के अनुसार भगवान शिव ध्यान में मग्न रहते हैं। कभी भी मंदिर में जाकर कुछ लोग उनके शिवलिंग के पास 3 बार ताली बजाते है, तो की सही नहीं है। सिर्फ संध्यावंदन के समय पर ही ताली, घंटी और शंख बजाएं। कीर्तन के समय हाथ ऊपर उठा कर ताली बजाने में बहुत शक्ति होती है। मान्यता है कि शिव मंदिर में 3 बार थाली बजाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और साथ में हर मनोकामना पूरी होती है।