युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 154वी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 119वीं जयंती कलेक्ट्रेट में हर्षाेल्लास के साथ मनाई गई
सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी जी की 154वीं एवं ईमानदारी व सादगी के प्रतिमूर्ति पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 119 वीं जयंती श्रद्धा, सम्मान एवं हर्षाेल्लास के वातावरण मे कलेक्ट्रेट में मनायी गयी।
कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र द्वारा प्रातः ध्वज फहराने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर श्रध्दा के पुष्प एवं माल्यार्पण किया गया। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रजनीश कुमार मिश्र, अपर जिला अधिकारी (प्रशासन) डॉ.अर्चना द्विवेदी वरिष्ठ कोषाधिकारी सूरज कुमार, नगर मजिस्ट्रेट गजेन्द्र कुमार सहित अन्य सभी प्रशासनिक अधिकारीगणों व कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों एवं अन्य सम्भ्रान्त व्यक्तियों नें महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन करते हुये पुष्प अर्पित किया।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र ने महापुरूषों को नमन करते हुए कहा कि समय बीतने के साथ गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं भी गांधी जी एवं शास्त्री जी के सिद्धान्तों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ0 अर्चना द्विवेदी ने स्वच्छता के चार आयाम मन की स्वच्छता, कर्म की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता एवं वाणी की स्वच्छता पर प्रकाश डालते हुए इनको जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर मानवेन्द्र सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी मनीष कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक कुमार सहित कलेक्ट्रट के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजस्व सहायक सरवर सिद्दीकी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने गांधी जी एवं शास्त्री जी के कार्यों, सिद्धान्तों और उनकी सरल जीवन शैली पर विभिन्न तरीकों, संस्मरणों और उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के विचारों में अहिंसात्मक दृढ़ता, सादगीपूर्ण परन्तु महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व, उनका जीवन दर्शन आदि पर अपने विचार व्यक्त करते हुये वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी प्रासंगिकता की आवश्यकता पर जोर दिया।