दुर्गा पूजा : राजस्थान में दस बंगाली कारीगरों ने मिलकर सवा लाख अमेरिकी हीरों से बनाई दुर्गा माता की मूर्ति

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

शक्ति एवं साधना का पर्व तथा बंगाली संस्कृति की परिचायक दुर्गा पूजा को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। ऐसे में जगह-जगह पर मां दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए शानदार पंडाल सजने का काम भी शुरू हो गया है। लोगों को आकर्षित करने की होड़ में प्रत्येक साल सजावट के कामों में नये-नये थीम का प्रयोग किया जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। 

इन दिनों राजस्थान के चुरू जिले में बना एक पंडाल खूब चर्चा बटौर रहा है। चर्चा हो भी क्यों ना हो यहां सवा लाख अमेरिकी हीरों से दुर्गा की मूर्ति बनाई है। साढ़े नौ फीट लंबी और साढ़े चार फीट चौड़ी मूर्ति बनाने में दस बंगाली कारीगरों को 3 महीने का समय लगा। मूर्ति पर हीरे जड़ने के लिए कारीगरों ने एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया। हीरों को इस तरह से व्यवस्थित किया जाता है कि वे एक चमकदार प्रभाव पैदा करते हैं।

चूरू के सत्संग भवन में "अष्टभुजा मां दुर्गा" की भव्य प्रतिमा के साथ मां दुर्गा के भव्य दरबार को सजाने वाले पंडित बालमुकुंद व्यास ने एक चैनल को बताया कि  जटिल प्रतिमा का प्रदर्शन साढ़े नौ फीट लंबा, साढ़े चार फीट का है। डेढ़ फीट चौड़ा और शेर पर प्रतिष्ठित देवता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने बताया कि वह पूजा अर्चना करवाने अमेरिका गए थे और वहीं से उन्होंने सवा लाख डायमंड खरीदे। व्यास बताते है 9 रंगों के इन सवा लाख डायमंड का 50 हजार खर्च आया। 

व्यास बताते है मिट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी इस प्रतिमा को 10 बंगाली कारीगरों ने सीकर में तीन माह में तैयार किया। प्रतिमा पर बारीक काम करते हुए ड्रेस सहित मूर्ति पर सवा लाख डायमंड लगाएं गए है। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने  13.5 फीट लंबी मूर्ति बनवाई थी, जिसने भी लोगों को खूब आकर्षित किया था।