दो टूक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

कोशिश तो हर पल किए, 

मिटे जगत से आह। 

मिटे हमीं वह ना मिटी, 

फिर भी इसकी चाह। 

बनी है बूढ़े दिल में। 

धीरु भाई