नहीं भुलाया जा सकता शिक्षा जगत में पंचानन का योगदान

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

प्रेरणाश्रोत है उनका संघर्षमय जीवन 

जहानागंज आज़मगढ़। शिक्षकों को शून्य से शिखर तक की उपलब्धियां अपने संघर्षों की बदौलत अर्जित कराने वाले शिक्षक मसीहा स्वर्गीय पंचानन का शिक्षा जगत में योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता उनका संघर्षों भरा जीवन हर किसी के लिए सदा प्रेरणास्रोत रहेगा 16 साल पहले शिक्षक दिवस पर उनके निधन की खबर ने शिक्षकों को झकझोर कर रख दिया पंचानन राय के विनम्र स्वभाव व और कुशल व्यक्तित्व का कोई सानी नहीं था सन 1966 में टाउन इंटर कॉलेज में वह अध्यापक नियुक्त हुए थे और उन्होंने वहां शिक्षकों की मजबूरियां करीब से देखी थी। 

उन्होंने देखा कि शिक्षकों को दिया कुछ जा रहा है और हस्ताक्षर कुछ और पर  कराया जा रहा है उन्होंने तुरंत प्रबंधक के विरुद्ध बगावत कर दी जिसके चलते उन्हें बर्खास्त होना पड़ा था इसके बाद 1967 मालटारी इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर नियुक्त हुए लेकिन प्रबंधकीय तंत्र से विरोध जारी रहा उन्होंने शिक्षकों से एकजुट होने का एलान किया सन 1971 में माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री निर्वाचित हुए और शिक्षकों की पीड़ा के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। 

1968 में आजमगढ़ से उन्होंने सामूहिक रूप से एक बड़े आंदोलन का आगाज किया और 1977 में उनके संघर्षों और तेवर को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने इन्हें प्रदेश मंत्री निर्वाचित किया 1982 में प्रदेश महामंत्री बनने के तुरंत बाद उन्होंनेt संघर्ष को और तेज किया 5 सितंबर 1998 को सरकार द्वारा गिरफ्तार कर इन्हें विभिन्न धाराओं में जेल भेजने की साजिश की जा रही थी   परन्तु जैसे ही इसकी भनक शिक्षकों को लगी शिक्षकों ने खुलेआम uv दिन में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए 19 साथियों के साथ गिरफ्तारी दी। 

1980 में सगड़ी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से विधायक निर्वाचित और 1996 में गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों से शिक्षक विधायक निर्वाचित हुए इसके बाद 2000 में वे पुनः शिक्षक विधायक घोषित हुए और इनके संघर्षों की बदौलत अध्यापकों के वेतन की नियमावली और भुगतान की व्यवस्था बनाई गई शिक्षकों को शून्य से शिखर तक पहुंचाने के लिए पंचानन राय ने जीवन के अंतिम क्षण तक संघर्ष किया और शिक्षकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया आज भी शिक्षा जगत में शिक्षक एमएलसी स्वर्गीय पंचानन राय को शिक्षक अपना मसीहा मानते हैं 2007 में 5 सितंबर को शिक्षक हित में कार्य करने के लिए ही जा रहे। 

यह होनहार सपूत एक सड़क दुर्घटना में  अचानक कालकवलित हो गए उनके निधन से जो रिक्त स्थान हुआ उसकी कसक आज भी शिक्षकों के सीने में बनी रहती है ऐसे शिक्षक मसीहा के चरणों में हम बार-बार श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं उनकी पुण्यतिथि पर 5 सितंबर को उनके आवास हरि ओध नगर में प्रत्येक वर्ष एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित की जाती है जिसमें जनपद एवं गैर जनपद से तमाम शिक्षक आते हैं और अपने शिक्षक मसीहा के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करके श्रद्धांजलि देते हैं शिक्षक नेता पंचानन राय आज भले ही हमारे बीच नहीं है। 

लेकिन एक 1 शिक्षकों के दिलों में हर धड़कन में उनका नाम बसता है और हर शिक्षक उन्हें अपना भगवान समझकर आज भी उनका पूजन बंदन और अर्चन करता है 5सितंबर को उनकी पुण्य तिथि पर जनपद के हरियो नगर कॉलोनी में उनके आवास पर प्रातः 10 बजे से श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है। जिसमें जनपद से लेकर गैर जनपदों के शिक्षक भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेंगे।