दो टूक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

लोकतन्त्र की आत्मा, 

लोकतंत्र की रेल। 

संविधान है देश का, 

कुर्सी को ले खेल। 

इससे उचित नहीं है। 

धीरु भाई