डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई विकास कार्यों की समीक्षा बैठक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

बहराइच । शासन के सर्वाेच्च प्राथमिकता वाले 37 सूत्रीय विकास कार्यक्रमों की मासिक समीक्षा हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में विगत दिवस को देर शाम आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनहित गारण्टी अधिनियम अन्तर्गत हैसियत, निवास, जाति, आय, जन्म, मृत्यु प्रमाण-पत्र, कुटुम्ब रजिस्टर की नकल, असहाय व्यक्तियों के इलाज एवं उनकी पुत्री की शादी के लिए वित्तीय सहायता, दम्पत्ति पुरस्कार योजना, विधवा महिला की बेटी की शादी के लिए अनुदान, दिव्यांग व्यक्ति के पुर्नवासन हेतु ऋण/अनुदान, दिव्यांग व्यक्तियो से विवाह करने पर अनुदान तथा दिव्यांगता प्रमाण पत्र इत्यादि सभी प्रकार के प्रकरणों का समयबद्धता के साथ निस्तारण कराया जाय ताकि आमजन को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।  

जिले में संचालित गौआश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गोवंशों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया कि गोवंशो के भरण-पोषण की धनराशि का भुगतान कार्य समयबद्धता के साथ कराएं। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि भरण-पोषण के भुगतान कार्य की समीक्षा भी अपने स्तर पर करते रहें। उपायुक्त एन.आर.एल.एम. को निर्देश दिया गया कि गो आश्रय स्थलों को आत्म निर्भर बनाने के लिए समूह की महिलाओं को गोबर आधारित उत्पादों के निर्माण तथा कम्पोस्ट खाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिलाकर इन्हें रोज़गार उपलब्ध कराएं। डीएम ने गोआश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गोवंशों के हरे चारे की व्यवस्था हेतु उपलब्ध भूमि पर नैपियर घास की बुआई कराये जाने का भी निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री डैश बोर्ड की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जो बिन्दु लागू न हो उसके सम्बन्ध में विभाग से पत्राचार कर अवगत कराया जाय। यदि किसी योजना में कार्यालय की प्रगति पोर्टल से भिन्न है तो उसके सम्बन्ध में सक्षम स्तर पर पत्राचार कर उसे दुरूस्त कराया जाय। 

विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में आनलाइन प्राप्त हुए आवेदन-पत्रों की समीक्षा कर अपेक्षित कार्यवाही करते हुए उन्हें मेरिट के आधार पर स्वीकृत अथवा रिजेक्ट कर दें ताकि पेन्डेन्सी जैसी स्थिति न रहे। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि आई.जी.आर.एस. सहित अन्य माध्यमों से प्राप्त प्रार्थना-पत्रों की नियमित समीक्षा करें समयबद्धता के साथ निस्तारण कराया जाय। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि मा. न्यायालयों के निर्णयों का भी सभी विभाग समयबद्धता के साथ पालन कराएं।

डीएम ने जिले के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि विभागीय भवनों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार कर लें। यदि भवन जर्जर स्थिति में हों तो उन्हें नियमानुसार निष्प्रयोज्य घोषित कराए जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जाय। डीएम ने निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं व प्रशासकीय विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि नियमिति रूप से कार्यस्थल का निरीक्षण कर परियोजनाओं को पूर्ण कराये साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि जो प्रोजेक्ट पूर्ण हो गये हैं। 

उन्हें उपयोग में भी लाया जाय। आनगोईंग प्रोजेक्ट्स को निर्धारित मानक व समयबद्धता के साथ पूर्ण करायें तथा धनाभाव के कारण अपूर्ण परियोजनाओं के लिए अवशेष धनराशि की मांग करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह, जिला विकास अधिकारी महेन्द्र कुमार पाण्डेय, डीएसटीओ डॉ. अर्चना सिंह, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, उप निदेशक कृषि टी.पी.शाही सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।