घोसी में सुना गया गीत भाजपा के लिए खतरे की घण्टी है

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

- धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव 

लखनऊ। घोसी विधानसभा उपचुनाव में लोग यह मानकर चल रहे थे कि मुस्लिम मतदाता भाजपा के खिलाफ सपा  को वोट करेगा। वह जहाँ जहाँ मतदान करने में सफल हुआ, किया। दलित मतदाता भी ऐसा करेगा, इसका किसी को यकीन नहीं था। बसपा सुप्रिमों सुश्री मायावती की वोट न देने और दें तो नोटा की बटन दबाने की अपील के बाद तो बहुतेरों ने मान लिया था कि दलित मतदाताओं का बहुमत इस चुनाव में तटस्थ रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कम अधिक पर बहस हो सकती है, लेकिन यह सच है कि दलित महिलाएं वोट देने के लिए निकलीं और नोटा की जगह साइकिल का भी बटन दबाईं। 

वयोवृद्ध समाजवादी नेता विजय बहादुर राय की माने तो वोट देने के लिए निकलीं दलित महिलाओं को,

 " बाबा क संविधनवां बचावे के पड़ी। 

मोदी शाह क शसनवां हटावे के पड़ी।" गीत गाते, गुनगुनाते हुए भी सुना गया। 

दलित मतदाताओं में संविधान से छेड़छाड़ की बात अगर नीचे तक है तो भाजपा के लिए खतरे की घण्टी है। उसे आने वाले चुनावों में मुसलमानों के साथ दलितों के भी एक मुश्त वोट से  मुकाबला करना पड़ेगा। 

बहरहाल कल क्या होगा? इसे लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। फिलहाल यही है कि देश में सात जगह हुए उपचुनाव में भाजपा तीन पर विजयी हुई है। उसे यह विजय त्रिपुरा और उत्तराखण्ड में मिली है। 

दूसरी तरफ यूपी में सपा, पश्चिम बंगाल में टीएमसी, केरल में कांग्रेस और झारखण्ड में जेएमएम को विजयश्री मिली है। गठबंधन के हिसाब से देखा जाए इन सात में से तीन सीट एनडीए और चार सीट पर इंडिया को विजय मिली है।