समाज का सवाल है

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

सामाजिक शिक्षा बहुत जरूरी है

हमारे सभी महापुरुषों ने कहा है,

इस शिक्षा के फैलाव के लिए उन्होंने

क्या क्या नहीं सहा है,

उसके बाद भी आज समाज में

क्यों निकल कर आ रहे हैं दलाल,

कहां से मिल रहा है उन्हें मजाल,

एकता की बात को क्यों

गर्त में ये लोग धकेल रहे हैं,

समाज क्यों नहीं इनको नकेल रहे हैं,

स्वार्थ इतना हावी हो गया है कि

समाज पीछे छूट जा रहा है,

अपना ही कोई अपनों को लूट जा रहा है,

राजनीति गंदी कहकर इससे

अच्छे लोग तौबा कर रहे हैं,

अच्छों की उदासीनता से

बुरे मौका धर रहे हैं,

कैसे और कब किसके द्वारा होगा

दमित,पीड़ित समाज का भला,

चहुंओर आगे बढ़ रहा है हवसी मनचला,

हम सब को मिलजुलकर सोचना होगा,

भेड़िये के चेहरे से नकाब नोचना होगा,

एक बात गांठ बांध लीजिये कि

बुरे व गंदे लोग समाज में

हमेशा की तरह कीचड़ ही फैलाएंगे,

और यदि अच्छे व भले लोग आगे आ जाये

तो एक नयी सोच संग

आमूलचूल जरूरी बदलाव लाएंगे,

विचारिए जरूर क्योंकि समाज का सवाल है,

वर्ना ढर्रा तो चल ही रहा कि

अत्याचारियों के मजबूत थप्पड़ के आगे

बेसुध पड़ा हमारा नाजुक गाल है।

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ छग