क़दीमी चेहल्लुम जुलूस ईमामबाड़ा नाज़िम साहब से बरामद

संवाददाता सैफ साबरी

ज़िला प्रशसान की चप्पे चप्पे पर पैनी नज़र

लखनऊ : राजधानी आज़ाए शहर लखनऊ जो अज़ादारी का मरकज़ कहा जाता है। जहाँ आज इमाम हुसैन अलैहिसस्लाम के चेहल्लुम के मौके पर जुलूस बरामद हुआ ग़मगीन माहौल जुलूस ईमामबाड़ा नाज़िम साहब से बरामद होकर कर्बला तालकटोरा तक पहुँच कर संपन्न हुआ।

यह क़दीमी प्राचीन जुलूस नाजिम साहब के इमामबाड़े से उठकर तालकटोरा कर्बला तक जाता है। जुलूस से पूर्व ईमामबाड़ा नाज़िम साहब में एक मजलिस का आयोजन होता है। मजलिस को खिताब सय्यद कलबे अहमद नकवी साहब ने खिताब किया।जुलूस में अजादार कर्बला के शहीदों को याद कर उनकी शहादत पर मातम कर पुरसा दिया हैं। 

वाकिया कर्बला के बाद जब क़ैद किये गए सादात के लुटे हुए काफले को यज़ीद द्वारा रिहाई का आदेश दिया गया। तभी शहज़ादी ज़ैनब इमाम हूसैन की बहन ने मदीने जाने से पहले कर्बला जाकर अपने भाई और करबला के शाहीदो को पुरसा देना ज़रूरी समझा यही वजह है जो आज चेहल्लुम में बड़ी संखिया में मर्दों के साथ औरतें करबला जाती है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस प्रशासन एक दम चाक-चौबंद नजर आया हर खित्ते पर पैनी नज़र।

बताते चलें कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में इमाम हुसैन अलैहिस्स्लाम का गम मनाया जाता है। आज से चौदाह सौ वर्ष पूर्व मुहर्रम की 10 तारीख को इमाम हुसैन के साथ उन के 6 माह के बेटे अली असगर एवं 18 साल के बेटे अली अकबर जवान भाई अब्बास अलमदार भतीजे क़ासिम सहित (असहाब) साथियों को बडी कुरुरता के साथ (शहीद) क़त्ल कर दिया गया था।

 चेह्ल्लुम यानी चालीस दिन बाद जिसको उर्फेआम में चालिस्वां भी कहते हैं मनाया जाता है। हालांकि यह कोई तेय्व्हार नहीं है गम का दिन है। इस दिन पूरे विश्व में मुसलमान ही नहीं अन्य धर्मों के लोग भी गम मनाते हैं। लखनऊ में शिया समुदाय की ओर से इमामबाड़ा नाजिम साहब से लगभग 175 अन्जुमनें अपनी अपनी मातमी दस्तों के साथ नौहा पढ्ती सीना ज़नी करती हुईं क़मा का मातम करती हुई कर्बला ताल कटोरा तक जाती है।

 जहाँ बाद में सीना जनी कर अपने अलम बढाती है। इस मजलिस में एक लाख से भी अधिक मज्मा होता है। वहीं चेहल्लुम को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो जाता है। लखनऊ के पश्चिम क्षेत्र के कोने कोने पर पुलिस ड्रोन कैमरे से नज़र रखे रहती है। ताकि कोई शरारती तत्व कोई हरकत कर माहौल खराब कर सके, जिन मार्गों से जुलूस निकलता हैं। उन मार्गों पर खास नज़र रखी जाती है। अराजक तत्वों को पहले से ही पुलिस प्रशासन नोटिस तामील कराकार बंदिश कर देता है। जिस से किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। 

पुराने लखनऊ के पश्चिम क्षेत्र में चेहल्लुम में पुलिस का रोल काफी बढ़ जाता है। लखनऊ कमिश्नर एस-बी शिरोड़कर ने बड़ी सूझबूझ के साथ रणनीति तैयार कर सभी अधिकारियों को निर्देश दिये। ज्वाइंट कमिश्नर एवं पश्चिम डीसीपी व एडीसीपी और चौक एसीपी, बाजार खाला एसीपी, के क्षेत्र संवेदनशील होने के कारण इन अधिकारियों को काफी मशक़्क़त का सामना करना पड़ता है। 

पश्चिम क्षेत्रों के थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी गैर जनपद से आई पुलिस फोर्स के साथ चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहकर रखते हैं पैनी नज़र, लखनऊ ज़िलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार एवं लखनऊ कमिश्नर एस-बी शिरोड़कर ने पूरी तहर चेहल्लुम के जुलूस को अमन शान्ति के साथ संपन्न कराने के लिए कई टीमों का गठन कर रखा है। ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना घट सके और चेहल्लुम का जुलूस अमन शान्ति के साथ संपन्न हो।