स्वतंत्रता

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

             

हम अपनी राह चलें, मिल जाओ,

फिर तुम अगले मोड़ पर,


तुम अपनी राह चलो, मिल जाना,

फिर तुम अगले मोड़ पर,


हम चलें दूर अकेले, ना घबराना,

तुम किसी ठौर पर,


हम होंगे फिर साथ - ले हाथों में

हाथ चलेंगे फिर साथ,


अलसाई आंखों में छीटें शीतल जल

के डालों खड़े होकर हाथ मिला लो,


भोर हुई सुन अपने दिल की, राहें तुम

चुनकर दिल से अपनालो,


माखन-मिसरी मिला के खालो, तुम

स्वतंत्रता पर्व मनालो,


देशप्रेम के गीत सुनाओ, खुशबू फूलों

की लो, समेटो मन के भाग,


तिरंगे के जग जाऐंगे भाग जब आकर,

मिलोगे लेकर राष्ट्र ध्वज साथ !


 मदन वर्मा " माणिक "

इंदौर, मध्यप्रदेश

मो. 6264366070