सोरठा

   युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

   शिव चरणित  आनन्द, तीन साध्य सावन कहे। 

   जल अर्पण धुनि मन्द,  बेल  पत्र  चन्दन   चढ़े।। 

   भाव प्रकृति सुखकंद, आत्म रूप शिव हिय रहें-

   तपस शौर्य  प्रिय छन्द, सरल भाव हो  साधना।। 

मीरा भारती,

पटना,बिहार।