आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन होना है- आचार्य योगेश

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

लालगंज, प्रतापगढ़। सांगीपुर विकासखण्ड अर्न्तगत देउम पश्चिम स्थित बाबा बूढ़ेश्वर नाथ धाम मंदिर परिसर में चल रहे शिवमहापुराण कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यहां अधिमास में बाबा के जलाभिषेक को पहुंचे श्रद्धालु शिवमहापुराण कथा का श्रवण भी कर रहे हैं। कथा व्यास आचार्य योगेश महराज ने श्रद्धालुओं को विस्तार से शिव विवाह की कथा सुनाई।

 उन्होनें कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव मे लीन हो जाना है। भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गये हैं परन्तु उन्होनें विवाह करके गृहस्थ आश्रम में रहकर वैराग्य एवं योग धर्म का अनुसरण करने का तरीका बताया है। कथाव्यास ने कहा कि शिव के गले में सर्प का होना सभी प्रकार की विपरीत विचारधाराओं के बीच सामंजस्य बनाने का संदेश देता है। 

उन्होने हिमालयराज व उनकी पत्नी मैना देवी तथा पुत्री के रूप में मां पार्वती का वर्णन बताते हुए शिव विवाह की कथा सुनाई। कथा के बीच बीच में महिलाओं के भजन से वातावरण और भक्तिमय होता दिखा। कथा के दौरान मंदिर परिसर में शिव बारात भी निकाली गयी। आचार्य धीरेन्द्र तिवारी, आचार्य शैलेन्द्र तिवारी, आचार्य दीपमणि मिश्र, पप्पू तिवारी, नीलम तिवारी, शिवकली तिवारी, रामकृष्ण नन्हें नगरहा, कैलाशपति, सूरज तिवारी, विपिन मिश्र, सौरभ मिश्र, शुभम, आचार्य करूणासागर तिवारी, पं. उपेन्द्र मिश्र आदि रहे।