युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
कभी कोई संबंध नहीं रहा उनका
आजादी की लड़ाई से
किधर को लामबंद थे वे
दर्ज है इतिहास में।
लेकिन होड़ लगी है राष्ट्रवादी बनने की
तो इतिहास बदलने के लिए हैं उतारूं वे
इनमें कई ऐसे हैं जो अपने बाप दादा को
कूदा देते हैं उनकी कच्ची उम्र में ही
आजादी की लड़ाई में।
सोचने की बात है कि
क्या कोई सात साल में भारत छोड़ो में होगा शामिल?
झूठ का पुलिंदा यह कि
पुलिस की लाठी से सात साल का बालक
हो गया लहूलुहान
वाह रे ज्ञान!
भर देना चाहते हैं ऐसी फर्जी बातों से
अब इतिहास के सारे पन्ने
क्योंकि जिनका कोई इतिहास नहीं होता
वे झूठ को ऐसे परोसते हैं जैसे
इतिहास का यह सच्चा हिस्सा छूट गया हो।
आने वाली पीढ़ी को यह पढ़ाई जायेगी
झूठ की शर्बत पिलाई जाएगी
वंचित होगा युवा अपने असली इतिहास से
जबकि जरूरत थी इतिहास में
वंचितों की कुर्बानी जोड़ने की
लेकिन चल रही है अब कवायत
क्या नहीं है यह साजिश तोड़ने की?
- डॉ.संतोष पटेल
नई दिल्ली