रमेश चन्द्र छबीला के कहानी संग्रह बन्धनमुक्त का लोकार्पण हुआ

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

सहारनपुर। सांरग सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन के तत्वावधान के तत्वावधान में प्रख्यात साहित्यकार रमेश चन्द्र छबीला के नवीनतम कहानी संग्रह बन्धनमुक्त का लोकार्पण अम्बाला रोड स्थित स्वामी रामतीर्थ केन्द्र के सभागार में तालियों की गडगडाहट के बीच हुआ।

मां. सरस्वती के चित्र के सम्मुख कार्यक्रम अध्यक्ष ओ.पी.गौड ने दीप प्रज्जवलित किया। कवि विनोद भृंग ने रमेश चन्द्र छबीला का जीवन परिचय देते हुए उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता साहित्यकार डॉ. विजेन्द्र पाल शर्मा ने कहानी संग्रह बन्धन मुक्त के सम्बन्ध में बताया कि सभी कहानियों की भाषा शैली बहुत सरल है। कहानी शुरू करते ही पाठक की जिज्ञासा उसे पूरी पढ़ लेने की रहती है।

 कुछ कहानियां तो ऐसी हैं मानो घर घर की कहानी हो। कहानी एक अभिशाप यदि डाक्टर पढ़ ले तो वे हड़ताल करनी छोड़ देंगे। विशेष वक्ता साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र आजम ने कहानी संग्रह पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि विभिन्न फूलों से सजा 9 कहानियों का यह गुलदस्तां पाठकों में रोचकता बनाये रखता है। 

रमेश चंद्र छबीला ने कहा कि साहित्य गहरे सागर में डूबता जा रहा है।  पाठकों के अभाव में अनेक सुप्रसिद्ध पत्रिकाएं बनद हो गई हैं। नेट के जाल में उलझे लोगों के पास साहित्य पढ़ने का समय नहीं है। फिर भी साहित्यकार निराश नहीं है और साहित्य सृजन हो रहा है। इस अवसर पर डॉ. आर.पी.सारस्वत, हरिराम पथिक, बी.के.गुप्ता, राजकुमार, विनोद खुराना, सुनल जैन राना, रवि बख्शी, सतीश शाह, सर्वेश्वर प्रभाकर, नीना बजाज, राजेश भगत, संजीव कौशल आदि मौजूद रहे।