केएल राहुल के फिटनेस टेस्ट पास करते ही चयनकर्ताओं ने जिम्बाब्वे के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए शिखर धवन को कप्तानी से हटा दिया। जिम्बाब्वे दौरे पर हरारे स्पोटर्स क्लब में होने वाले तीनों वनडे मैचों के लिए केएल राहुल को भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। हालांकि पूर्व चयनकर्ता सबा करीम का मानना है कि शिखर धवन को कप्तानी से हटाने का फैसला सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कप्तान के रूप में सीमित ओवरों के क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद धवन को कप्तान बनाए रखना चाहिए था। सबा करीम ने आगे कहा कि राहुल को बतौर खिलाड़ी टीम में होना चाहिए था।
सबा करीम ने इंडिया न्यूज स्पोर्ट से कहा, '' केएल राहुल को केवल एक सदस्य के रूप में सीरीज खेलनी चाहिए, उन्हें कप्तान या उप-कप्तान बनाना इतना महत्वपूर्ण नहीं है। वह लंबे ब्रेक के बाद आ रहे हैं। शिखर धवन टीम के एक सीनियर खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सफेद गेंद वाले क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। कप्तान के रूप में घोषणा करने के बाद आपको उसे महत्व देना होगा।''
धवन ने छह वनडे मैचों में भारतीय टीम की कमान संभाली है, जिनमें से पांच मैचों में टीम को जीत मिली। इसके अलावा धवन ने तीन टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों में भी कप्तानी की है जिनमें उनका रिकॉर्ड एक जीत और दो हार है। धवन ने पिछले साल जुलाई में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी की थी। वह हाल में वेस्टइंडीज के वनडे दौरे में भी टीम के कप्तान थे।
पूर्व विकेटकीपर सबा करीम ने आगे कहा, '' कप्तानी की प्रवृत्ति में जिस तरह का बदलाव अजीब और संदिग्ध है। इस तरह के फैसले बहुत सोच समझकर लेने की जरूरत है। जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह टीम के माहौल से जुड़ा है, आपको टीम भावना का निर्माण करने की जरूरत है। एक कप्तान आगामी मैचों के लिए अपनी योजनाओं के बारे में सोचना शुरू करता है और फिर आप अचानक बदलाव कर देते हैं। यह क्रिकेटर के मनोबल को प्रभावित करता है।''
राहुल ने इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीकी दौरे में रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में पहली बार भारतीय टीम की अगुवाई की थी। उनके नेतृत्व में भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जो तीन वनडे मैच खेले थे उन सभी में उसे हार का सामना करना पड़ा था।