सोने चांदी के हिंडोले में हरि पोशाक धारण कर बांके बिहारी ने दिए भक्तों को दर्शन

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

( उत्तम शर्मा )

 मथुरा। हरियाली तीज पर वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन करने को आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिसे देखो वही अपने आराध्य श्री हरिदास जी के दुलारे बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए लालायित थे। वृंदावन में चारों तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। श्रद्धालुओं ने केसी घाट के अलावा अन्य घाटों पर यमुना स्नान किया।दर्शनों के लिए श्रद्धालु रात्रि से ही डेरा डाल चुके थे। 

रविवार सुबह 7:45 पर जैसे ही विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के पट खुले तो सारा परिसर बांके बिहारी लाल के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। 22 किलो सोने व एक हजार किलो चांदी से बने झूले में हरे रंग की रत्न जड़ित पोशाक धारण कर ठाकुर बांके बिहारी लाल ने भक्तों को दर्शन दिए। ठाकुर जी की अद्भुत नयनाभिराम छवि को देखकर श्रद्धालु मंत्र मुक्त हो गए। 10 मिनट बाद ठाकुर जी की श्रृंगार आरती हुई। दोपहर 2 बजे मंदिर के पट बंद होने के बाद सायं को 5 बजे खुले। 

ठाकुर जी ने भक्तों को रात्रि 11 बजे तक दर्शन दिए। मंदिर पर की गई सत रंगी आकर्षक विद्युत सजावट लोगों का मन मोह रही थी। दिल्ली पंजाब मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा के अलावा विदेशी श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो के लिए जिला प्रशासन व मंदिर प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की।मेले में जिलाधिकारी नवनीत चहल व एसएसपी अभिषेक यादव राउंड लेकर अधीनस्थों को दिशा निर्देश देते नजर आए।

 पुलिस प्रशासनिक व्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालुओं को काफी पैदल चलना पड़ा। इसके बाद भी वृंदावन के प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही। जानकारी के अनुसार इस झूले की ऊंचाई 14 फीट और चौड़ाई 35 फीट और आज इसकी कीमत ₹6 करोड़ है। 1947 में यह बनकर तैयार हुआ था। 15 अगस्त 1947 के दिन ठाकुर बांके बिहारी जी इसमें पहली बार विराजमान हुए। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 75 वर्ष पूरे होने पर झूला हीरक जयंती मना रहा है।