आज़ादी के लिए

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


कुछ सुनाते जरा आज रवानी लिए

छोड़ जो गया यह दुनिया आज़ादी के लिए 


हाथ में थामे तिरंगा,ज़ख़्म की सौगात लेकर 

उनको क्या चाहिए था बस आज़ादी के लिए 


कर जवानी गये न्योछावर,पीछे रख त्यागों की झोली 

पूछते उनसे ही जाकर क्या ना किए आज़ादी के लिए 


ज़िंदगी बंध गई जब गुलामों की बेड़ियां 

हर तरफ़ कोहराम था,जंग लड़ो आजादी के लिए 


शोहरतों के भीड़ में न बह जाओ दोस्तों 

अपना ईमान धर्म है आज़ादी के लिए 


बांध कर सर में कफ़न खाने को चले जो गोलियां

कर नमन उनको प्रियंका जो लड़े आजादी के लिए 


फहरा दो जाकर तिरंगा उस ऊर्ध्वलोक पर 

रोशनी ज़रा कर  देना उस आज़ादी के लिए 


रानी प्रियंका वल्लरी

बहादुरगढ़ हरियाणा