दिल अजनबी से प्यार कैसे करता है

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


दो जिस्म एक जान क्यो कर कहलाते है |

दो लोग इस कदर आपस मे खो जाते है ||

ये दिल कैसे, दिन रात आहे भरता है |

दिल अजनबी से प्यार कैसे करता है ||


पहले पहला ये प्यार है ये मेरा |

दिल पर ऐतबार है बस तेरा |

प्यार मन मे कैसे पनपता है |

दिल अजनबी से प्यार कैसे करता है ||


मन की बाते तो बस मन मे रही |

तेरी खुशबु तो तनबदन मे रही ||

कैसे कहे मन कितना तड़पता है |

दिल अजनबी से प्यार कैसे करता है ||


जब जब हम तुमसे मिलते है |

अरमानो की कलि खिलते है ||

तुमसे मिलने को हरपल दिल तरसता है |

दिल अजनबी से प्यार कैसे करता है ||


मिलकर तुमसे सुकून अब मिलता है |

मन के मधुबन मे फूल सा खिलता है ||

सुकून के लिए मन कितना तड़पता है |

दिल अजनबी से प्यार कैसे करता है ||


रचनाकार

प्रमेशदीप मानिकपुरी

आमाचानी धमतरी छ ग

9907126431