अमृत का जुनून आजादी महोत्सव दे रहा संदेश !

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

एक संदेश युवाओं में उमड़ रहा कि अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सरकारों में फ्री की सौगातें बंट रही हैं और आनंद अनेक अपात्र भी मना लेते हैं। फ्री की भरपाई भी अन्य, मध्यमवर्ग करते है। उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है और देश की आर्थिक स्थिति पर बोझ बढ़ने से अर्थव्यवस्था कमजोर होती है। गरीब कमजोर वास्तविक जो हैं उनके लिए कुछ समय तक ठीक हैं मगर सक्षम, गलत लोग लाभ उठावे तो अनुचित है। फ़्री ही देना हो तो सिर्फ़ शिक्षा फ़्री दो और स्वास्थ्य सेवाएँ फ़्री दो। आज के दौर में इनका खर्च उठाने में गरीब, मध्यम वर्ग असमर्थ हैं।

बैंकों का पूरा लाभ अमीर वर्ग उठाता है, फिर फुर्र से लोन बाकी रहता है और वह विदेश भाग जाता है। पूंजीवाद व्यवस्था देश के गरीब-सर्वहारा वर्ग की हितैषी नहीं। ध्यान भटकाऊ चैनल जनता को मुख्य मुद्दों से परे ले जाते हैं। बहुत सा टाईम प्रायोजित बहस को देखकर, बाद में र्रथक व सिर पीटने जैसा लगता हैं। लगता है इन पर  सिर्फ ऐंकरो की मर्जी का कमांड है।

मध्यमवर्गीय कभी बोलता नहीं, कभी जागता नहीं, वह पहले से डरा हुआ है। अब जागो, फ़्री की ख़ैरात का हर स्तर पर विरोध करो और कहो फ़्री ही देना हो तो सिर्फ़ शिक्षा फ़्री दो और स्वास्थ्य सेवाएं फ़्री दो। आजादी महोत्सव का जुनून हैं, यह जज्बा हैं, देश की समस्याओं का जीवित रहना, इसको मिटाने के लिए लड़ना, यह एक अलग बात हैं। चैनलों पर विदेश में क्या हो रहा चल रहा होता है, सरकार की वाहवाही भी होती हैं, सरकार की कमी कमजोरी व जनता की समस्याओं व महंगाई का मुद्दा  पूरी तरह उजागर नहीं होता। सदन में विपक्ष भी कमजोर है। फिर जनता की समस्याओं पर ध्यान दिलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की है। वहां उनकी बातों पर भी ध्यान नहीं दिया जाता।

अमृत महोत्सव मना रहे हैं स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं मगर जनता आज भी बुरी तरह से परेशान हैं। देशप्रेम हरेक के दिल में हैं। घरबार और अर्थव्यवस्था याने नौकरी, आय, रुपया, रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा के लाभ से अंतिम वर्ग की पायदान भी संतुष्ट नहीं हैं तो इन खुशियों का महत्त्व कमतर हो जाता है मन के भीतर और बाहर हम फौरीतौर पर अनमने होकर ही, एक बंधन समान, औपचारिक आयोजन के रूप में पर्व मनाते हैं। एक सामुहिक रूप से बाहर से हम खुशी जरूर महसूस कर रहे हैं।

इतनी समस्याओं, दुखों के होते हुए हम राष्ट्र के लिए खुश हैं, शहीदों को नमन कर रहे हैं। स्वतंत्रता के संग्राम में भाग लेने वालों को याद कर रहे हैं, यह योगदान हमारा उनकी अपेक्षा बहुत कम हैं, ऐसा किसी को महसूस नहीं होने दें। अपनी ओर से आजादी के अमृत महोत्सव व स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं सहित !

 - मदन वर्मा  " माणिक "

इंदौर, मध्यप्रदेश

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