बुजुर्गों का सम्मान करना भारतीयता पहचान है

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


बुजुर्गों का सम्मान करना भारतीयता पहचान है 

बुजुर्ग हमारी आन बान शान है 

बुजुर्गों की सेवा में ही सर्वाधिक पुण्य समाया है 

हमने बुजुर्गों की सेवा कर परम सुख पाया है 


अनुभवों और तजुर्बों की खान है 

बुजुर्ग हमारी थिंक टैंक और शान है 

परिवार का बड़प्पन और महान है 

जो बुजुर्ग दिव्यांगों की सेवा करें वह महान है 


दिव्यांगजन और राष्ट्रीय वायोश्री योजना के तहत 

वरिष्ठ नागरिकों को सहायक सहायता उपकरण 

वितरण सामाजिक अधिकारिता शिविरमें हुआ है

दिव्यांगजन और बुजुर्ग सशक्तिकरण हो रहा है


लेखक - कर विशेषज्ञ, स्तंभकार साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक ,कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र