यहां वर्ष में एक बार ही होते हैं भोलेनाथ के दर्शन, जाने एक दुर्गम मंदिर के बारें में

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

हिमाचल प्रदेश के सांगला वैली के कामरु गांव में मां कामाख्या दर्शन के पश्चात भगवान शिव के दर्शन की परंपरा है। हिमाचल प्रदेश के चित्रकूट गांव से 25 किलोमीटर दूर इंडिया चाइना बॉर्डर पर दुलती नाम के स्थान पर भगवान शिव का एक मंदिर है। जिनकी कारू बाबा के नाम से पूजा की जाती है। कारू बाबा माता छितकुल के रक्षक होने के साथ ही साथ इस स्थान के भी रक्षक हैं।

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भगवान कारू बाबा का दर्शन वर्ष में सिर्फ और सिर्फ एक बार ही होता है। वह दर्शन जन्माष्टमी के दिन होता है क्योंकि यह मंदिर जन्माष्टमी के दिन ही वर्ष में एक बार आम आदमी के लिए खोला जाता है। इस मंदिर का संचालन इंडियन आर्मी करती है। इंडियन आर्मी के ही देखरेख में भगवान शिव का दर्शन यहां पर होता है।

इंडियन आर्मी आईटीबीपी यहां पर भव्य भंडारे का आयोजन करती है और यहां छितकुल माता के रूप में उनकी पूजा होती है। विशेष बात यह है कि छितकुल माता बद्रीनाथ जी की धर्मपत्नी है। इस मंदिर में भव्य रूप में मेला लगता है। यह बड़ा ही अद्भुत दृश्य है जो आपको वर्ष में सिर्फ एक दिन ही देखने को मिलेगा और वह भी सिर्फ और सिर्फ जन्माष्टमी के दिन। इसीलिए तो हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। इस मंदिर के दर्शन करने एक बार जरूर आएं। यहां पर अद्भुत दिव्यत की अनुभूति होती है।