गिरिराज गोवर्धन हैं भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप : आचार्य गोपाल भैया

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

मथुरा। वृन्दावन वंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में संकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के द्वारा प्रख्यात संत ब्रह्मलीन स्वामी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज की पावन स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में व्यास पीठ पर आसीन आचार्य गोपाल भैया महाराज ने श्रीगिरिराज पूजन की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि ब्रज चौरासी कोस में श्रीगोवर्धन नाथ द्वापर युग से प्रत्यक्ष रूप में विराजमान हैं।

यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप हैं।जो भी भक्त सच्चे मन से गिरिराज गोवर्धन की पूजा अर्चना व सप्त कोसी परिक्रमा करता है,गिर्राज महाराज उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।श्रीमद्भागवत कथा में गिर्राज लीला का भी मंचन किया गया।साथ ही ठाकुर वंशीवट बिहारी के समक्ष 56 भोग निवेदित किए गए।

वरिष्हित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि ब्रज के सर्वपूज्य संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे।उन्होंने अपनी साधना स्थली संकीर्तन भवन में रहते हुए गौसेवा, संत सेवा, विप्र सेवा एवं लोक कल्याण के तमाम कार्य किए। इस अवसर पर श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, बल्देव स्थित दाऊजी मन्दिर के रिसीवर आर.के. पाण्डेय, आचार्य विनय त्रिपाठी, संगीताचार्य स्वामी देवकीनंदन शर्मा,आचार्य मंगेश दुबे, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा व आचार्य ईश्वर चंद्र रावत आदि  उपस्थित रहे।