दगड़ू सेठ गणपति मंदिर से जुड़े हैं कई इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स, जहां हमेशा रहती है भक्तों की भीड़

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। इसी दिन के बाद से 10 दिन का गणेशोत्सव शुरू हो जाता है। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा मान्यता दी गई है, यही वजह है कि हर शुभ काम से पहले उनकी पूजा की जाती है। विघ्नहर्ता गणेश के देश-विदेश में कई विशाल मंदिर हैं, जहां पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इसी कड़ी में हम बता रहे हैं आपको गणपति  'श्रीमंत दगड़ूसेठ हलवाई गणपति मंदिर' के बारे में। यहां हम बताएंगे इस मंदिर से जुड़े कई इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में। 

दगड़ू सेठ गणपति से जुड़े इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स  

1) दगड़ू सेठ गणपति से जुड़े कई फैक्ट्स हैं। कहते हैं कि दगड़ूसेठ एक हलवाई थे और वह कलकत्ता से पूणे मिठाइयों का काम करने आए थे। इसी दौरान पूणे में प्लेग महामारी फैली थी, तभी दगड़ूसेठ ने अपने बेटे को खो दिया था। जिसके बाद बेटे की आत्मा शांति के लिए दगड़ूसेठ हलवाई ने भगवान गणेश का ये मंदिर बनवाया। 

2) दगड़ूसेठ हलवाई ने गणपति मंदिर का निर्माण साल 1893 में कराया और गणपति प्रतिमा स्थापित की। कहा जाता है कि मंदिर में कोई भी मुराद अधूरी नहीं रहती।   

3) यहां गणेशोत्सव की शुरुआत को लेकर भी कहा जाता है कि सबसे पहले फ्रीडम फाइटर बाल गंगाधर तिलक ने इस मंदिर में गणेश उत्सव की शुरुआत की थी। 

4) रिपोर्ट्स की मानें, दगड़ूसेठ गणपति की प्रतिमा के केवल चेहरे पर 8 किलो सोने का काम किया गया है। इस प्रतिमा में गणपति के दोनों कान सोने के हैं और नुकुट का वजन 9 किलो है। 

कहां है दगड़ू सेठ गणपति का मंदिर

श्रीमंत दगड़ूसेठ हलवाई गणपति मंदिर महाराष्ट्र के पुणे शहर में है। इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं।

कब जाएं दगड़ू सेठ गणपति का मंदिर

वैसे तो साल के किसी भी दिन ये मंदिर खूबसूरत लगता है, लेकिन गणेश उत्सव के दौरान यहां अलग ही रौनक देखने को मिलती है। आकर्षक रंगों के कपड़े और फूलों से सजे गणपति देखने का अलग ही मजा है।