वक्त से मुलाकात

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


राह मे एक दिन,

वक्त से हुई मुलाकात।

वक्त है चलता ही जाता,

रूकता नही एक भी बार।।


वक्त के होते दो रूप,

अच्छा वक्त बुरा वक्त।

अच्छा वक्त पल मे कट जाता,

बुरा वक्त काटे नही कटता।।


अच्छे वक्त का सभी,

करते है इन्तजार।

बुरा वक्त कभी ना आए,

किसी के जीवन मे एक भी बार।।


वक्त ने कहा मेरे दो रूप,

दोनो एक सिक्के के दो पहलू।

सुख के बाद दुख आएगा,

दुख के बाद सुख आएगा।‌।


यह है कड़वा सच,

जो दुख मे धीरज धैर्य धरते।

कभी नही विचलित होते,

वही निरन्तर आगे बढ़ते।।


जो नही चलते वक्त के साथ,

वही शिकायत करते बार-बार।

जो चलते वक्त के साथ,

वक्त चलता उनके साथ।।


वे छू लेते आसमान,

रच देते है नया इतिहास।

पूरा आसमान भी उनका,

कारवां भी चलता उनके साथ।।


प्रियंका त्रिपाठी 'पांडेय'

प्रयागराज उत्तर प्रदेश