ईश तुम्हें समर्पित करती
अपना मैं सारा जीवन
तन मन धन सब तेरा है
मिला आपसे यह जीवन।
पूरी दुनिया का रखवाला
सब की व्यवस्था करता है।
इंसान तो बस अपनी मैं मे,
फूला फूला फिरता है।
जग का तू ही माली है
श्वास श्वास का आली है
सुंदर सृष्टि की रचना,
प्यारा सा यह उपवन है।
चींटी हाथी सब की व्यवस्था,
अद्भुत ढंग से तू करता।
मिले समर्पण जिसका तुझको,
पल मै बेड़ा पार करे।
भाव समर्पण की ही लखता,
प्रेम प्रीत सबकी देखता।
शबरी, राधा ,मीरा, द्रोपदी,
नरसी का समर्पण भाया तुझको।
एक आवाज पर प्रभु उनकी
दौड़े दौड़े आए तुम तो।
समर्पण भाव है मुझ में भी
जो करोगे अच्छा करोगे।
दोगे मुझको जो भी प्रभु जी
वह सब तुम उत्तम दोगे।
पार लगाओ या ठुकराओ,
सब बात तुम्हारे हाथों में।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा