जलती चिता को पानी डालकर बुझाने पर दो पक्षों में विवाद, आठ गिरफ्तार

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक युवक के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। युवक के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने सरपंच समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के बस्ती बाराद्वार गांव में युवक प्रदीप पाटले की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार स्थल को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। घटना के बाद पुलिस ने युवक के परिजनों की शिकायत पर आठ लोगों- जगदीश उरांव, अमृत उरांव, राजकुमार उरांव, विश्राम उरांव, सहदेव उरांव, सिपाही लाल उरांव, उमाशंकर उरांव और कमलेश उरांव को गिरफ्तार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि बस्ती बाराद्वार गांव के प्रदीप ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके अनुसार पोस्टमार्टम के बाद जब उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिए गांव के मुक्तिधाम में पहुंचे तब वहां बारिश हो रही थी, इसी बीच वे शेड के नीचे अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। उन्होंने बताया कि प्रदीप के परिजनों के अनुसार, जब वे प्रदीप के शव का अंतिम संस्कार कर रहे थे तब गांव के सरपंच और अन्य लोग पहुंच गए और उन्होंने चिता पर पानी डालकर उसे बुझा दिया और शव को वहां से बाहर कर दिया।

प्रदीप के परिजनों ने पुलिस को बताया कि ग्रामीणों ने आपत्ति जताई कि मुक्तिधाम उनके समाज का है इसलिए वे अन्य लोगों को वहां अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं देंगे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद प्रदीप के परिजन थाने पहुंचे और अंतिम संस्कार के दौरान विरोध करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। वहीं ग्रामीणों के एक वर्ग ने गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया और दाह संस्कार में बाधा डालने वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सरपंच जगदीश उरांव सहित आठ लोगों को बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा) और 297 (दफन स्थानों पर अतिक्रमण) के तहत गिरफ्तार किया गया और शव का अंतिम संस्कार कराया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।