सहारनपुर। जीएसटी की बढ़ी दरों के विरोध में आज सहारनपुर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल की महानगर इकाई ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में महानगर अध्यक्ष विवेक मनोचा व महानगर महामंत्री स.सुरेन्द्र मोहन सिंह चावला ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री व पूर्व वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा था कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाया जायेगा।
जीएसटी काउंसिल ने एफएसएसएआई एक्ट का हवाला देकर यानि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के अनुसार सभी खाद्य वस्तुएं पैकिंग होकर प्रोपर लेवल लगाकर ही बिकेंगी। चाहे वह मण्डी में बिकने वाला गेंहू, धान, दलहन, तिलहन, मसाले एवं कोई भी सामान हो। तिलहन एवं मसाले पहले ही जीएसटी की पांच प्रतिशत के दायरे में आये हुए हैं।तथा चावल मिल का चावल पैक और लेबल लगाकर बिकेगा। इसी तरह आटा मिल का आटा, दाल मिल की दाल पैक एवं लेबल लगाकर बिकेगा और उन पर जीएसटी 18 जुलाई से लगा दिया जायेगा।
ज्ञापन में अवगत कराया गया कि भारत में सरकारी नीतियों के कारण ऑनलाईन व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। इनमें भी एमएनसीज का बहुत बड़ा हाथ है जो अपना व्यापार जमाने जमाने के लिए घाटे का बजट बनाती है। उपभोक्ता को डिस्काउन्ट की लालच देती है और जो व्यापारी है वह अपा व्यापार खोता जा रहा है, लाखों व्यापारी बेरोजगार हो चुके हैं, तो व्यापार एमएनसीज के हाथ में जायेगा। छोटे उद्योग तबाह होंगे। व्यापारी के पास व्यापार नहीं रहेगा। व्यापारी बेरोजगार हो जायेगा। व्यापारियों ने 47वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गये निर्णय को निरस्त करने की मांग की।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से अध्यक्ष विवेक मनोचा, महामंत्री श्री सुरेन्द्र मोहन सिंह चावला, यशपाल मैनी, दीपक राज सिंघ्ज्ञल, कृष्ण लाल ठक्कर, राजेन्द्र गुप्ता, राजकुमार विज, राजपाल सिंह, सूरज ठक्कर, मदन लाम्बा, राजीव मदान, सुधीर मिगलानी, मुरली खन्ना, नीरज जैन, सुरेश सलूजा, अशोक नारंग, जयबीर सिंह, राकेश गंभीर, संजीव खरबंदा, फजलुर्रहमान, हरप्रीत सिंह, अभिषेक सोढी, यशपाल डाबरा, मुकेश धनगर, शैल बत्रा शामिल रहे।