धूम्रपान कैंसर की मां

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क   

दस बहाने करके ले गई

दिलले गयी दिल ले गई 

 तू उसको पहचान न पाया 

तूने उस में स्वाद ही पाया

 मीठा मीठा देती है जहर

 देखा नहीं कैसा है कहर

केसर तो एक बहाना है

 ग्राहकों को ही पटाना है

 शौक यह बहुत बुरा है

 धूम्रपान कैंसर की मां है

 खून जले हड्डियां भी गले

 और मरने लगते हैं फेफड़े

 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष बुरा है

 सूंघने वाले को भी खतरा है 

 बस रोजगार मिला है उनको 

खुश हैं अमीर किया है जिनको 

अभिनेता भी वह तुम्हें पसंद है 

जो देते सिगरेट का विज्ञापन है

 अपनी खातिर चाहे ना सोचे 

पर परिवार की क्या गलती है

 दमा आदि कितने रोग हैं होते 

बेचने वाले बड़े ही चैन से सोते

 जानलेवा है यह तुम जान लो

 नहीं दाने दाने में दम मान लो

 भारत वैसे ही मुश्किल में है 

मुश्किलें अब और न बढ़ाइए

 धूम्रपान शौक नहीं यह बीमारी है

 यह अनेक बीमारियों की जननी है

इकत्तीस मई को सफल बनाईये 

धूम्रपान रोकने को अपने

कदम उठाईये 

पूनम पाठक "बदायूँ "