"प्रिय प्रियतम..."

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


प्रिय प्रियतम...! 

एक बात बताना ज़रा 

इन फूलों की तरह... 

क्यों इतना खूबसूरत हो...!


सच कहूं...? 

मुझे तो जलन होने लगा है 

प्रिय प्रियतम...! 

तुम और इन फूलों के संग


और..., 

कहने को दिल चाहता है 

आसमान में दिखने वाले 

सितारों की तरह..., 

तुम्हें निहारता रहूं 

बस...! निहारता रहूं...


केवल..., 

तुम्हारे करीब होकर 

तुम्हारे सम्मुख रहकर 

दोनों नजरों से 

पलकें झपकाए बगैर 

देखता रहूं...!


स्वरचित एवं मौलिक

मनोज शाह 'मानस'

manoj22shah@gmail.com