बिजली रानी

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

बिजली रानी की अजब कहानी,

पूरा घर रोशन है करती।

अंधियारे घर में उजाला लाती

सारे देखो निर्भर उसके ऊपर।

टीवी, फ्रिज, मोबाइल, एसी, कंप्यूटर, मशीन

सारे हैं विद्युत के यंत्र,

देखो उससे सारे चलते।

इसीलिए जाने का रोब जमाती।

गर्मी में नखरे बड़े भारी

पूछ होती इसकी न्यारी।

एसी में कैसे बैठ हम

कभी आती कभी जाती प्यारी।

आंख मिचौली खेले दिनभर

सबको खूब सताती है।

बार-बार जाती आती

सामान खराब कर जाती है।

कभी तेज बहुत है आती

ट्रिपिंग भी कर जाती है।

वस्तुएं सारी खराब कर दे

रौद्र रूप दिखलाती है।

बिजली रानी बन गई महारानी

इसको बुरा कौन बोले।

बिजली ऑफिसर बैठे दफ्तर में

फोन करो तो यह बोलें।

ट्रांसफार्मर में कमी है आई,

ठेकेदारों पर बातें हैं डालें।

बिन बिजली के काम चले ना,

रोजगार भी कम हुए।

कैसे कमाई करें भैया जी

हम तो बहुत तंग हुए।

            रचनाकार ✍️

            मधु अरोरा