आतंकवाद

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


कुंठित हो उठता है मन , देख कर 

बिखरी हुई मानवता की मौत को

भय से कुचलते इस समाज में 

किसके विचारों से जन्म लेता है , 

आखिरकार यहां पर आतंकवाद ।।


चारों ओर फैल जाता हाहाकार ,

जब बिना कारण करता है कोई 

जन मानुष पर प्रहार ,तब – तब 

बेकसूर लोगों का लहू बहाकर 

फैलाया जाता है आतंकवाद।।


अपनी स्वार्थ सिद्धि हेतु जब 

युवाओं को बरगलाया जाता है,

नन्हें-नन्हें मासूमों के बचपन को 

गर्त में मिलाकर उनका भविष्य,

वर्तमान आतंकवाद की बलि चढ़ाया जाता है ।।


प्रतिभा दुबे

ग्वालियर महाराज बाड़ा

dubeypratibha467@gmail.com