भारत सरकार श्रीलंका की भयावह स्थिति से सबक ले - रामगोविंद चौधरी

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

 -चंदौली की हृदय विदारक घटना बुलडोजर कल्चर का ताजा उदाहरण 

   बलिया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सादगी और ईमानदारी के पर्याय पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने आग्रह किया है कि भारत सरकार लंका की भयावह स्थिति से सबक ले और अपने मित्रों को दुनियां का नम्बर   एक अमीर बनाने के प्रयास की जगह कर्जे में हो रही लगातार प्रगति औऱ रूपये की गिरावट को रोके नहीं तो इस महान देश को भी लंका जैसी भयावह स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

        बुधवार को नगर के पानीटकी जगदीशपुर स्थित अपने आवास पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद  चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार ने अपने लम्बे कार्यकाल में देश पर जितना कर्जा लादा था, उससे अधिक कर्जा इस सरकार ने सात साल में ही लाद दिया है। भारत सरकार को इसे लेकर जनता के बीच स्पष्ट सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि डालर के मुकाबले रुपए की लगातार गिरावट किसी से छिपी नहीं है। इसे लेकर  गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जो बयान दिया है, भारत सरकार की उसे ही सज्ञान में लेना चाहिए और इसे लेकर तत्काल हयादार कदम उठाना चाहिए। 

      रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि भारत सरकार के कुछ मित्र व्यापारियों और कुछ और  खास लोगों को छोड़ दिया जाए तो महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर पूरा देश  त्राहि त्राहि कर रहा है। उत्तर प्रदेश में तो इस मंहगाई और भ्रष्टाचार के साथ ही बुलडोजर कल्चर के रूप में जले पर नमक छिड़का जा रहा है। चंदौली की हृदय विदारक घटना इस बुलडोजर कल्चर का ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा है कि इस स्थिति में हम समाजवादी साथियों का दायित्व है कि हम लोग जनता के बीच जाएं, उन्हें समझाएं कि बुलडोजर कल्चर के दस्ते को देखते ही अपने जानमाल की रक्षा के लिए चोर चोर चिल्लाएं और एक दूसरे की मदद करें।बैठक में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर गाजीपुर जनपद में जानलेवा हमले की निन्दा भी किया गया।

    बैठक की अध्यक्षता पूर्व सपा जिला अध्यक्ष यशपाल सिंह संचालन जिला प्रवक्त सुशील पाण्डेय"कान्हजी"ने किया।

      इस अवसर पर सर्वश्री  रत्नसेन सिंह, हरेंद्र सिंह, रमेश सिंह,उमेश मिश्र, रजनीश पाण्डेय,राजेंद्र यादव, अशोक यादव, रमाशंकर यादव, छोटक राजभर, नन्दलाल यादव, नीतीश यादव,आदि शामिल थे।