विवाह दो लोगों का नहीं,
दो परिवारों का होता मिलन।
पवित्र बंधन में बंध प्यारे,
इसे निभाए जनम जनम।
अच्छाई बुराई के संग अपनाएं,
प्रणय बंधन में बंधते जाए।
परिवार का आधार विवाह,
दो दिलों का मिलन विवाह।
जीवन और समाज को ,
बंधन यह आगे ले जाता।
जीवन की नई राह दिखाता,
मिलना -जुलना ,आना-जाना सिखाता।
सुख दुख में साथ खड़े होना बताता,
सात वचन ले बंधते जाते,
साथ चलने की कसमें खाते।
जब तक सांस हो हमें,
एक दूजे का साथ चाहते।
रिश्ता नहीं मुश्किलों से घबराने का,
रिश्ता है एक दूजे का साथ निभाने का।
एक दूसरे के जीवन का संबल,
दोष ना एक दूजे के निकालो।
जो जैसा है उसे वैसे स्वीकारो।
प्यार का बंधन इतना प्यार,
प्रेम लड़ाई इसमें सारा।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा