ब्यूरो , सीतापुर : जनपद सीतापुर की तहसील महमूदाबाद नगर के मुख्य मार्ग पर मां संकटा देवी का मंदिर स्थित है। जहां पर प्रत्येक वर्ष के 144 दिन मेले का आयोजन किया जाता है । और प्राप्त जानकारी अनुसार संकटों का नाश करने वाली देवी मां भगवती का नाम संकटा माँ पड़ने का एक अपना इतिहास है। तथा संकटा मां के दरबार में दूर -दराज के जनपदों सहित क्षेत्र के लाखों लोग मंदिर में आकर माँ के करते है दर्शन । और वही जानकारों का मानना है कि स्थानीय संकटा देवी मंदिर की स्थापना भर्र राजपूतों द्वारा कराई गई।
और महमूदाबाद में अपने शासन काल के दौरान भर्र राजपूतों ने संकट काल में अपनी कुलदेवी मां पाटेश्वरी देवी के अंश की महमूदाबाद में स्थापना करके पूजा पाठ कर प्रारम्भ किया था। और भर्र राजपूतों के संकटों का निवारण भी हुआ था । वही भर्र राजपूतों द्वारा संकटा देवी माँ की बनाई गई मठिया आज विशाल और भव्य मंदिर के रूप में विकसित हो गई है। और संकटा देवी मंदिर परिसर में प्रवेश करने के तीन द्वारों में से मुख्य द्वार के ऊपर महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए भगवान श्री कृष्ण का भव्य गीता रथ दूर से ही भक्तों को आकर्षित करते हुये दूर से ही दिखाई देने लगता है।
तथा वही मंदिर के दाहिनी ओर के विशाल सरोवर के अन्दर रामेश्वर मंदिर में रौद्र रूप में स्थापित भगवान शिव की प्रतिमा भी स्थित है। और वही जानकारी अनुसार इस मंदिर एवं शिव मूर्ति की स्थापना नेपाल देश के शिव मंदिर की तर्ज पर की गई है। और मंदिर के गर्भगृह परिक्रमा मार्ग में भगवान राम, आदिदेव शंकर , हनुमान व राधा कृष्ण के मंदिर भी स्थित हैं।
इसी के साथ माता रानी के सम्मुख भगवान विष्णु मंदिर व यज्ञशाला के साथ गगनचुंबी बद्री विशाल, अन्नपूर्णा, भैरव नाथ, जगन्नाथ, काली माता, संतोषी माता, बजरंगबली, द्वारिकाधीश आदि के भव्य मंदिरों के साथ सरोवर में आदिदेव भगवान शंकर की रौद्र रूपी प्रतिमा स्थापित है। और माँ संकटा देवी मंदिर महमूदाबाद , सीतापुर में प्रत्येक वर्ष के 144 दिन मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें दूर-दराज के जनपदों सहित अन्य क्षेत्र के लाखों लोग माँ के दरबार में आकार पूजा अर्चना करते है ।