एक बार बनकर तो देंखें सूरजमुखी..

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


देख रहे हो न

ये फूल सूरजमुखी का ,

दिन भर तलाशता है सूरज को

बिना किसी शर्त के ,

कभी उदास भी नहीं दिखता ,

कहां से बटोर लाता है इतनी मुस्कराहट

कि हंसने लगती हैं

उदासियां भी 

संग इसके ,

और..

सहेज लेता है इतना पीलापन प्रकाश का

कि उजागर हो जाते हैं

सभी रास्ते जीवन के !!


कुछ जो नहीं समझते

"प्रेम में समर्पण"

एक बार बनकर तो देखें "सूरजमुखी" !!


नमिता गुप्ता "मनसी"

मेरठ , उत्तर प्रदेश