नेह के धागे

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

जब से मिली हूं मैं तुमसे,

नेह के धागों से बंधी।

जादू तुमने ऐसा क्या किया,

बिना डोर ही संग हो चली।

लब पर गीत प्रेम के आने लगे,

 चांद सितारे झिलमिलाने लगे।

खुशियों से मैं गुनगुनाने लगी,

गीत प्यार के फिर गाने लगे ।

तुझे देख नैन मेरे खिलने लगे

प्रणय पथ पर आगे हम बढ़ने लगे।

अपना  हक तुझ पर जताने लगी

बस प्यार तुझसे मैं करने लगी।

दबी थी बातें  ह्रदय में कई,

बात कर तुझ से खुलने लगी।

प्रीत तुझसे हुई है मुझे,

एहसास दिल में भरने लगी।

टूटा शाख से कोई फूल थी,

स्पर्श तेरा पा महकने लगी‌।

खुशबू अपनी मैं तो यूं ही

चारों और अब बिखेरने लगी।।

         रचनाकार ✍️

         मधु अरोरा