छठपर्व पर सूर्योपासना

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


छठी मातु वर दे हमें,कर सबका कल्याण।

हर परिजन सुखमय रहे,रहें सुरक्षित प्राण।।


सूर्यदेव तुम दिव्य हो,हर लेते हर शाप।

देना नित गतिशीलता,परे हटें संताप।।


हे मैया ! तुम मांगलिक,हरदम दयानिधान।

फलीभूत कर सुख सदा,रहें सुरक्षित आन।।


सूर्यदेव का पर्व यह,बाँट रहा है ताप।

हारेगी हर वेदना,और व्यथा,संताप।।


अस्ताचल से रवि-उदय,व्रत,पूजा,उपवास।

छठमाई आशीष दें, दिनकर साधें आस।।


रोग,शोक से मुक्त हो,बने नवल यह देह।

सूर्यदेव देते सतत,नर-नारी को नेह।।


आज उपासक पा रहा,नए-नए वरदान।

छठ माई ने ले लिया,श्रद्धा का संज्ञान।।


जलस्रोतों में भीड़ है,भक्ति-भाव परवान।

देवों को पहुँचा रहे,पूजा का सामान।।


छठ माई की है दया,सूर्यदेव का मान।

पूर्ण करो हे देव रवि!,भक्तों के अरमान।।


समय बड़ा प्रतिकूल है,माई कर अनुकूल।

देव भास्कर ! आज तुम,परे करो सब शूल।।


               -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे