आगे बढ़ते रहो....

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


वो कहते हैं और कहते रहेंगे,

तुम सुनकर भी बस मुस्कुराते रहो,

गुण और दोष पर परखेंगे,

तुम अपना कर्म बस करते रहो l

खुशियों की सौगात नहीं,

ग़म उपहार में देते रहेंगे,

तुम बस सहर्ष स्वीकार करो,

हाँ, मुश्किल है इस राह पर चलना,

पर फिर भी निरंतर आगे बढ़ो l

निराशाओं से घिरे हो तुम,

आशा का दीप जलाते चलो,

न है कोई आसरा फिर भी,

सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अपना कहो l

कुछ हंसेंगे तुम पर, 

कुछ मुर्ख समझेंगे, 

धीरज धर बस सुनते रहो, 

 रोकर व्यर्थ, न समय गंवाकर, 

बस अपना कर्म करते रहो l

पथरीले राह भी सुमन से लगेंगे, 

रख उम्मीद आगे बढ़ते रहो, 

भीड़ में भी अपनी एक पहचान होगी, 

अंधेरे से लड़कर उजाले की ओर बढ़ो l


डॉ सोनी, मुजफ्फरपुर