कालपी (जालौन, उ०प्र०) पितृ पक्ष की पूर्व संध्या पर घर, परिवार,गाँव, गली, मुहल्ले के समस्त पूर्वजों को गया में प्रतिष्ठित करने एवं मोक्षार्थ के लिये धार्मिक प्रवृत्ति के आदर्शवादी शिक्षक रामजी श्रीवास्तव एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुमन श्रीवास्तव गया (विहार) के लिये गत रात्रि को रवाना हुये।
हमारे धार्मिक ग्रंथों, पुराणों एवं उपनिषद आदि धर्म ग्रंथों में पित्रों के मोक्ष की विशद व्याख्या की गई है। पित्रों के मोक्ष एवं तरण तारण के लिये धर्मग्रंथों में अनुष्ठान, पूजा तर्पण आदि की अनेक विधियाँ बताई गई हैं। जिनका विस्तृत एवं विशद विवरण हमारे धर्म ग्रंथों में देखने को मिलता है।
पूर्वजों के तरण तारण एवं तर्पण आदि के लिये सबसे उपयुक्त एवं धर्म सम्मत समय इसी पितृपक्ष को माना जाता है। जिसमें कौओं को यह मानकर कि ये हमारे पूर्वज हैं वही भोजन कराया जाता है जो उनके पूर्वजों को पसंद या प्रिय था। ये मान्यताएं जहाँ हमारी परम्परा से जुड़ी हैं वहीं इनकी धार्मिक रूप से भी महत्ता है।
धार्मिक एवं परोपकारी अभिरुचि के समाजसेवी रामजी श्रीवास्तव जी ने गाँव के समस्त धर्म, जाति,सम्प्रदाय एवं वर्ग के घर घर जाकर सभी पूर्वजों को अक्षत समर्पित करके उन्हें अपने साथ गया (विहार, जहाँ पितरों को प्रतिष्ठित करने की मान्यता है) गया चलने के लिये आमंत्रित किया।
सम्पूर्ण ग्राम गर्रेही वासियों ने एक भव्य शाेभा यात्रा निकाल कर उनका ढोल नगाड़े के साथ घर घर माल्यार्पण कर सम्मान किया। यह शोभा यात्रा आगे बढ़ती हुई भगवान विष्णु के अंशावतार, श्रीमद्भागवत महापुराण सहित अठारह पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास की तपोस्थली कालपी धाम तक पहुंची। जहाँ के देव स्थानों की पूजा अर्चना करते हुये श्रद्धा समर्पण कर समस्त कन्याओं को सश्रद्ध दक्षिणा देते हुये रामजी श्रीवास्तव गया की ओर रवाना हुये। उनके इस अभियान में सच्ची अर्धांगनी होने का दायित्व निर्वहन करते हुये उनकी धर्मपत्नी ने जीवन संगनी होने साथ ही साथ सह यात्री होना भी सहर्ष स्वीकार किया।
विद्वानों,धर्माचार्यों एवं धर्म ग्रथों का यह मानना है कि जिसके पूर्वज(पितृ) प्रसन्नता पूर्वक अपने नगर, ग्राम, घर परिवार पर दृष्टि डालते हैं वह नगर, ग्राम, घर, परिवार धन धान्य से परिपूर्ण होकर फलता फूलता है। इसी लोकमान्यता एवं धार्मिक रीति रिवाज के परिपालन और लोक कल्याण के लिये कृत संकल्पित रामजी श्रीवास्तव जी एवं उनकी धर्म पत्नी श्रीमती सुमन श्रीवास्तव जी इस मंगलमयी यात्रा के लिये निकले हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी इस लोक कल्याण की यात्रा को फलित एवं पूर्ण करें।
विशाल शोभा यात्रा मे घर परिवार, गाँव एवं क्षेत्र के श्याम जी श्रीवास्कव, गोपाल जी श्रीवास्त, भरत जी श्रीवास्तव,पूर्व प्रधान रमाशंकर तिवारी, शिव कुमार सिंह चन्देल, सुभाष सिंह चंदेल, मन्नू सिंह सेंगर, मुन्ना भदौरिया, महेश ओमरे, पेट्रोल ओमरे, मोनू सिंह सेंगर, छोटे लाला सेंगर,लल्ला सेंगर,अवनीश सिंह सेंगर, प्रवल प्रताप सिंह सेंगर, छोटे विश्वकर्मा, रमेश गुप्ता, दिव्य स्वरूप गुप्ता,राघव सिंह परमार, दिनेश गुप्ता, कमलेश श्रीवास्तव, दिनेश बाबू श्रीवास्तव एडवोकेट एवं कंधी ओमरे सहित सैकड़ों समाजिक, धार्मिक एवं समाजसेवी एवं गणमान्य लोग शोभा यात्रा में सम्मिलित हुये।
श्साम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल'
व्याख्याता-हिन्दी
रावगंज, कालपी, जालौन
( उ०प्र०) पिन- 285204