शारदा नारायन हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल कुमार ने रसड़ा निवासी 25 वर्षीय मनोज सिंह का सफल कूल्हे प्रत्यरोपड किया। मनोज सिंह के परिजनों ने बताया की वर्ष 2004 में एक बार इनका एक्सीडेंट हो गया था तबसे हमलोग ने बहुत जगह इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हर जगह डॉ कहते थे की कुल्हा प्रत्यरोपड बहुत जटिल ऑपरेशन है और सफल ऑपरेशन की गारंटी नहीं देते थे। 2014 में वाराणसी में कुल्हा प्रत्यरोपड कराया और सब ठीक था। डॉ ने बहुत हिसाब से रहने को बोला था। पिछले हफ्ते इनका बाइक से गिरकर एक्सीडेंट हो गया था और इनकी हालत फिर पहले जैसे हो गयी और ये चलने फिरने में असमर्थ हो गए। हमें फिर शारदा नारायन हॉस्पिटल के बारे ज्ञात हुआ और हम यहाँ आये।
डॉ राहुल कुमार ने बताया की इस मरीज़ की हालत बहुत ख़राब थी और हमारी टीम ने काफी मेहनत की और इनका दोबारा कूल्हे प्रत्यरोपड का सफल ऑपरेशन किया जिससे अब ये बिल्कुल स्वस्थ है और अपने पैरो पर फिर से खड़े हो सकते है। आगे डॉ कुमार ने कहा की लोगो में कुल्हा प्रत्यरोपड को लेके बहुत भ्रांतिया है जैसे की ये ऑपरेशन जल्दी सफल नहीं होता,ऑपरेशन के बाद लोग खड़े नहीं हो पाते है,उनका चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और छोटे शहर में इसका इलाज संभव नहीं है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, हा दोबारा कुल्हा प्रत्यरोपड का ऑपरेशन थोड़ा जटिल ज़रूर होता है लेकिन इसका इलाज शारदा नारायन हॉस्पिटल में भी संभव है और लोग पूरी तरह ठीक भी हो रहे है।अंत में डॉ कुमार ने बताया की हड्डियो को मज़बूत बनाने के लिए रोजाना 30 से 45 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें,कैल्शियम के लिए दूध से बनी चीजें खाएं,विटामिन डी की कमी न होनें दें ,धूप में 30 मिनट बैठें,वजन को कंट्रोल में रखें न कम होने दें और न ही ज्यादा और अगर हड्डियों में दिक्कत होतो बिना देर किये आरथोपीडिक्स को दिखाएं।अंत में मरीज़ मनोज सिंह ने हॉस्पिटल का और डॉ राहुल कुमार का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनको एक नयी ज़िन्दगी दी और दोबारा अपने पैरो पे खड़ा किया।