सब कुछ बदल गया है

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


लगता है यू तुमसे मिलकर 

सब कुछ बदल गया है 

है सुबह बदली हुई,

हर शाम बदल गया है

बदले हुए है रंग अरमां 

बदल गया है।

रंगे से गये है ख्वाब 

सपना बदल गया है 

नजरे बदल गयी है 

चेहरा बदल गया है

अब तो यू लगता है 

जैसे जीने का जज्बा 

बदल गया है।

है इस किताब के पन्ने भी 

कुछ बदले हुए। 

किस्सो का अब तो देखो 

मौसम बदल गया है

चाहत बदल गई है 

राहत बदल गया है 

है सुकून बदला हुआ 

आहट बदल गया है 

ना जाने तुमसे मिलके 

सब कुछ बदल गया है।

है लफ्ज कुछ बदले हुए 

बातें बदली गई है 

है स्वप्न भी बदले हुए 

राते बदल गई है

लगता है यू तुमसे मिलकर 

हम भी बदल गये है

लगता है यू तुमसे मिलकर 

सब कुछ बदल गया है

सब कुछ बदल गया है।


वन्दना श्रीवास्तव,

जौनपुर-उत्तर प्रदेश