क्यों ना मार दिया जाए

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


क्यों ना मार दिया

मन में बसे उस रावण को

जिसने चटका दी 

अधखिली मासूम कलियाँ

जो पनप रही थी

माँ के गर्भ में।


क्यों ना मार दिया जाए

मन में बसे उस रावण को

जिसने कुचल दिया है

सुगंध बिखेरते फूलों को

सींचकर दरिंदगी से

नरक बना दिया है।


क्यों ना मार दिया जाए

मन में बसे उस रावण को

जिसने आसमान छूती एक वल्लरी को

जुदा कर दिया है मूल से

मीठे फल चखने को

स्वार्थ का।


क्यों ना मार दिया जाए

मन में बसे उस रावण को

जिसने चरित्रहीनता के बल पर

मिटा दिए हैं पवित्र रिश्ते

संस्कार खोने के लिए

संस्कृति से।


क्यों ना मार दिया जाए

मन में बसे उस रावण को

जिसने चकाचौंध की अंधी दौड़ में

अपना ईमान खो दिया है

रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के बल पर

मानव से दानव बन गया है।


स्वरचित

अशोक कुमार ढोरिया

मुबारिकपुर(झज्जर)

हरियाणा

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


चाहते हैं हुक्मरान 

ऐसी व्यवस्था बनाएं,

जैसा सरकार कहे 

सारे मान जाएं,


एक यंत्र की तरह

 बिना प्रश्न उठाए,

आंखों वाले अंधे 

कानों वाले बहरे हो जाएं,


जुबान वाले गूंगे 

अक्ल वाले मूर्ख हो जाएं,

ज़ुल्म हो जिसपे वो भी

सरकार के गुण गाएं,


शोषण का शिकार 

चुपचाप कहीं मर जाए,

व्यवस्था के विरोध में 

कभी न आवाज़ उठाएं,


जो ऐसा न करें 

उन्हें खूब बदनाम किया जाए,

झूठे अभियोग लगाकर उन्हें

जेल में डाल दिया जाए,


किसी भी कीमत पर

सरकार पर आंच न आए,

बिना किसी विरोध के

आदर्श राम-राज्य कहलाएं।


जितेन्द्र 'कबीर'

जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश

संपर्क सूत्र - 7018558314