युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
भगवान कृष्ण की तरह राधा जी की पूजा करने से भी व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार भारत के कई क्षेत्रों में राम-राम कहकर एक दूसरे का अभिवादन किया जाता है, ठीक उसी प्रकार कई राज्यों में राधे-राधे कहने की भी प्रथा है। लेकिन यह केवल अभिवादन करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि इससे व्यक्ति को कई लाभ भी मिल सकते हैं।
मिलता है परम आनंद
राधे-राधे बोलने के पीछे ये मान्यता चली आ रही है कि राधे-राधे बोलने या राधा नाम का जप करने से भगवान श्री कृष्ण आपसे प्रसन्न होते हैं, जिससे व्यक्त को जीवन में परम सुख की अनुभूति होती है। साथ ही राधा नाम जपने वाले साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
पापों से मुक्ति का मार्ग
शास्त्रों में राधा नाम को अपने आप में एक सिद्ध मंत्र बताया गया है। माना जाता है कि राधे-राधे बोलने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं, राधा नाम जपने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्ति मिल सकती है।
होता है मानसिक शांति का अनुभव
राधे-राधे बोलने वाले व्यक्ति की एकाग्रता में वृद्धि होती है। इस नाम के जाप से व्यक्ति का मन शांत रहता है और उसे चिंताओं से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही राधे-राधे बोलने से व्यक्ति के भीतर मौजूद बुरी भावनाओं का अंत होता है। साथ ही एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह व्यक्ति के अंदर बना रहता है।
प्राप्त होती है सुख-समृद्धि
राधा नाम की इतनी महिमा बताई गई है कि राधा-राधा जपने वाले साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। राधे-राधे बोलने से व्यक्ति के लिए मोक्ष के द्वार तो खुलते ही हैं, साथ ही उसे बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है।